World Most Happiest Man:- दुनिया के सबसे खुश इंसान का नाम मैथ्यू रिचर्ड्स है। मैथ्यू रिचर्ड्स का जन्म फ्रांस में हुआ था। पिछली बार 1991 में वे दुखी हुए थे। तब से लेकर आज तक वे कभी दुखी नहीं हुए। यह कोई हवाबाजी वाली बात नहीं है। उनके खुश रहने की इसी खासियत से प्रभावित होकर अमेरिकन यूनिवर्सिटी ने भी रिसर्च की।
उनकी खुशी का राज जानने के लिए 12 साल की लंबी रिसर्च की गई है। उसके मस्तिष्क में कुल 256 सेंसर लगाकर उसके परिणाम देखे गए, जिसमें वह वास्तव में खुश साबित हुआ। इतना ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र ने अपनी 2016 की हैप्पीनेस रिपोर्ट में उन्हें दुनिया का सबसे खुश व्यक्ति घोषित किया था। अब खुशियां उनके जीवन का हिस्सा ही नहीं, आदत बन गई है।
World Most Happiest Man
मनुष्य संसार में जो कुछ भी करता है, सुखी होने के उद्देश्य से ही करता है। खुशी पाना सबके लिए बड़ी बात है लेकिन इसे हासिल करना उतना ही मुश्किल है। बहुत से लोग सोचते हैं कि वे जीवन में सभी लक्ष्यों को प्राप्त करके खुश होंगे, बहुत से लोग सोचते हैं कि वे प्यार में पड़कर खुश होंगे और बहुत से लोग सोचते हैं कि वे महंगी कार खरीदकर खुश होंगे। लेकिन वो लोग भी डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं। हालांकि एक World Most Happiest Man शख्स ने खुशी का राज क्या है बता दिया है. हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं वो दुनिया का ‘सबसे खुश इंसान‘ माना जाता है।
मैथ्यू रिकार्ड एक बौद्ध भिक्षु थे जिनका जन्म फ्रांस में हुआ था। उन्हें दुनिया का सबसे खुश इंसान माना जाता है। उनका दावा है कि वह कभी दुखी नहीं होते। वैसे ये सिर्फ उनका दावा नहीं है, वैज्ञानिकों ने भी उन पर रिसर्च की है, जिससे ये पता चला है कि वो दुखी नहीं होते. एक रिपोर्ट के मुताबिक, मैथ्यू आखिरी बार साल 1991 में दुखी हुए थे। साल 2016 में संयुक्त राष्ट्र ने अपनी हैप्पीनेस इंडेक्स रिपोर्ट में मैथ्यू को दुनिया का सबसे खुश व्यक्ति घोषित किया था।
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मैथ्यू के ऊपर हुई लंबी रिसर्च
तिब्बती बौद्ध भिक्षु मैथ्यू रिकार्ड को दुनिया का सबसे खुश व्यक्ति कहा जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्होंने विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय के न्यूरोसाइंटिस्ट रिचर्ड डेविडसन के नेतृत्व में ध्यान और करुणा पर 12 साल के मस्तिष्क अध्ययन में भाग लिया।
डेविडसन ने रिकार्ड के सिर पर 256 सेंसर लगाए और पाया कि जब रिकार्ड करुणा पर ध्यान कर रहे थे, तो उनका दिमाग असामान्य रूप से हल्का था। डेविडसन ने कहा, “स्कैन ने दिखाया कि ध्यान करते समय, रिकार्ड का मस्तिष्क गामा तरंगें पैदा करता है – जो चेतना, ध्यान, सीखने और स्मृति से जुड़ी होती हैं। यदि आप खुश रहना चाहते हैं, तो रिकार्ड कहते हैं कि आपको परोपकारी होना होगा।” ऐसा बनने का प्रयास करें जो न केवल आपको बेहतर महसूस कराए बल्कि यह आपके जैसे अन्य लोगों को भी बेहतर बनाए।
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खुश रहने का बताया राज
रिचर्ड लोगों को अपनी तरह खुश रहने का राज भी बताते हैं। उनका कहना है कि इंसान हमेशा अपने बारे में सोचता है। तब वह पूरी दुनिया को अपना दुश्मन मानता है और उनके साथ प्रतिस्पर्धा में रहता है। उन्होंने बताया कि अगर इंसान को खुश रहना है तो उसे अपने बारे में सोचना बंद करना होगा और दूसरों के बारे में सोचना शुरू करना होगा। जब व्यक्ति के मन में प्रेम, दूसरों की परवाह और परोपकार का भाव होगा तो वह स्वत: ही सुखी रहने लगेगा। उन्होंने लोगों को सीख देते हुए कहा कि यदि लोग प्रतिदिन 15 मिनट ध्यान करें और सुख देने वाली बातों का चिंतन करें तो वे स्वत: ही आनंद से भर जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए व्यक्ति को अपने दिमाग को प्रशिक्षित करना होता है। उन्होंने कहा कि लोगों को भी सुबह की शुरुआत खुशी से करनी चाहिए।
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शख्स पर हुआ है शोध
यूनीलैड वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक, 76 साल के मैथ्यू पर विस्कॉन्सिन यूनिवर्सिटी के न्यूरोसाइंटिस्ट्स ने शोध किया था। उन्होंने मैथ्यू के सिर पर 256 सेंसर लगा दिए। यह पाया गया कि जब रिचर्ड ध्यान करते हैं, तो उनका दिमाग गामा तरंगें पैदा करता है। ये गामा तरंगें ध्यान, सीखने और स्मृति से जुड़ी हैं। शोध में यह भी पाया गया कि उनके दिमाग का बायां प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स दाएं से ज्यादा सक्रिय होता है। World Most Happiest Man इससे पता चला कि दिमाग का हैप्पी पार्ट ज्यादा एक्टिव होता है। ध्यान द्वारा उन्होंने अपने मन को इस प्रकार जाग्रत किया है।
खुश रहने का आसान तरीका
रिचर्ड की किताब हैप्पीनेस – ए गाइड टू डेवलपिंग लाइफ्स मोस्ट इम्पोर्टेन्ट स्किल बताती है कि कैसे साधारण लोग भी दिन में सिर्फ 15 मिनट निकालकर खुश रह सकते हैं। लेकिन इसके लिए ट्रेनिंग की जरूरत होती है। सुबह सबसे पहले किसी खुशनुमा चीज के बारे में सोचें। हर दिन 10 से 15 मिनट सिर्फ और सिर्फ अच्छी बातें ही सोचना शुरू करें। पहले तो मन इधर-उधर भागेगा, उसे वश में करके प्रेम और सुख की घटनाओं पर फिर से विचार करें। सिर्फ 3 हफ्ते के अंदर दिमाग में बदलाव होने लगेंगे। आप पाएंगे कि कठिन परिस्थितियों में भी मन बिना नियंत्रण खोए सामान्य बना रहता है।
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मस्तिष्क में गामा विकिरणें पैदा होतीं
विस्कॉन्सिन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने World Most Happiest Man इसकी जांच करने का फैसला किया। वहां के न्यूरोलॉजिस्ट ने उसकी खोपड़ी पर 256 सेंसर लगाए, जिससे अंदर हो रही हर हलचल का पता लगाया जा सके। यह शोध 12 साल तक चला। इससे पता चला कि भिक्षु जब भी ध्यान करते थे, उनका मस्तिष्क गामा विकिरण उत्पन्न करता था। यह ध्यान और याददाश्त बढ़ाने में मदद करता है।
ज्यादा एक्टिव था लेफ्ट ब्रेन
सेंसर के जरिए यह भी दिखाया गया कि मैथ्यू के दिमाग का बायां हिस्सा जिसे प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स कहा जाता है, दाएं हिस्से की तुलना में कहीं ज्यादा सक्रिय था। यह हिस्सा न केवल रचनात्मकता से जुड़ा है, बल्कि यह खुशी से भी जुड़ा है। वैज्ञानिकों की टीम ने ऐसा पहले कभी नहीं देखा था। आखिरकार शोधकर्ताओं ने माना, World Most Happiest Man मैथ्यू के भीतर इतनी खुशी है कि नकारात्मकता के लिए कोई जगह नहीं बची है। यही शोध अन्य बौद्ध संतों पर भी किया गया। इस दौरान यह दिखाया गया कि लंबे समय तक ध्यान का अभ्यास करने वालों के दिमाग में कई तरह के बदलाव आते हैं। यहां तक कि लगातार तीन हफ्तों तक 20 मिनट तक ध्यान करने से भी दिमाग में बदलाव आया।
World Most Happiest Man FAQ’S
Who is India's most content man?
Swami Sivananda lost both of his parents before the age of six, and he was taken in by a spiritual mentor who took him all over the world.
Who is the record monk Matthew?
According to the Independent, 69-year-old French Tibetan Buddhist monk Matthieu Ricard has been dubbed “the world’s happiest man.” He received the honor because he was a participant in a 12-year brain study on meditation and compassion that was led by neuroscientist Richard Davidson from the University of Wisconsin.
How can a girl be content?
Never turn down praise or ignore it. You don’t have to be modest all the time. Smile as you accept them and say thanks to everyone! You will immediately experience happiness and a big smile when you accept praise from someone.
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